Ukraine Crisis: छत्तीसगढ़ के 50 से अधिक लोग यूक्रेन में फंसे,जिसमें से ज्यादातर युवा डाक्टर,परिजनों ने सरकार से लगाई वापसी की गुहार
Summary
रायपुर रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चल रहा है। कभी भी युद्ध छिड़ सकती है। यूक्रेन पर रुसी हमले की आशंका के बीच वहां रह रहे हजारों भारतीयों की जान सांसत में फंस गई है। सभी वहां से जल्द […]
रायपुर
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चल रहा है। कभी भी युद्ध छिड़ सकती है। यूक्रेन पर रुसी हमले की आशंका के बीच वहां रह रहे हजारों भारतीयों की जान सांसत में फंस गई है। सभी वहां से जल्द से जल्द लौटना चाहते हैं। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के लगभग 50 से अधिक लोग यूक्रेन में है। इनमें ज्यादातर युवा छत्तीसगढ़ से डाक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे है। वे युद्ध को देखते हुए अपने घर लौटना चाहते है, लेकिन तनाव के बीच वापसी की राह बहुत कठिन हो गई है।
कुछ छात्र और अभिभावक सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगा रहे हैं । कि वे किसी भी तरह से घर लौटाना चाहते हें जबकि फ्लाइट कम चलने के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर, जो युवा यूक्रेन में फंसे है उनके परिवार वाले चिंतित है। अभिभावक अपने बच्चे को दिन भर फोन कर रहे हैं।
वे शासन ने विनती कर रहे हैं कि बच्चे को किसी भी तरह से यूक्रेन से बाहर निकाल लिया जाए। इनका कहना है कि अभी छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस पर पहल नहीं की है। इसे लेकर अभिभावकों में रोष है।
बता दें कि एमबीबीएस करने के लिए युवाओं की पहली पसंद यूक्रेन है। छात्रों ने बताया कि छह साल की पढ़ाई का खर्च लगभग 30 से 40 लाख पड़ता है।
यूक्रेन में अफरा-तफरी का माहौल
रायपुर के एमबीबीएस छात्र मयंक पाल ने बताया कि अभी पूरे यूक्रेन में अफरा-तफरा का माहौल है। यहां से लोग किसी भी तरह से बाहर निकलना चाहते हैं। मयंक ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ से 50 से अधिक लोग फंसे हुए है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका के चलते सभी हवाई सेवाएं बाधित है। कुछेक चल रही है तो उसके दाम बहुत ही महंगे हैं।
सीट कन्फर्म नहीं मिल रही है। हर कोई अपने देश वापस लौटना चाहता है। मयंक ने बताया कि वह तीन साल से यूक्रेन में है। उसने कहा कि जिस तरह माहौल खराब हुए, उसी दिन से उसने यूक्रेन छोड़ने का निर्णय ले लिया था, लेकिन अभी उसे कंफर्म टिकट नहीं मिली है। मयंक, रायपुर के स्टेशन रोड के रहने वाला है। यहां उसके पिता मनोज कुमार पाल और माता मंजू पाल उसकी वापसी की राह देख रहे हैं।
न्यायधानी बिलासपुर के रहने वाले अभिषेक भगत एमबीबीएस करने के लिए छह साल से यूक्रेन में हैं। पिता शिक्षक रिजूराम भगत और माता ज्योति भगत अपने पुत्र की वापसी के लिए बहुत चिंतित है। वे हर घंटे में अभिषेक को फोन लगा रहे हैं। अभिषेक से दो दिन पहले बात हुई। रिजूराम भगत ने बताया कि घर वापसी के लिए उनके पुत्र को फ्लाइट नहीं मिल रही है। जो फ्लाइट मिल रही, उसका किराया भी 70 से एक लाख रुपये तक है।
सामान्य दिनों में भारत तक का किराया 30 से 35 हजार रुपये तक होता है। उन्होंने बताया कि पुत्र के सपने के पूरा करने के लिए यूक्रेन भेजा है। न जाने अब इस तरह की स्थिति कैसी उत्पन्ना हुई। रिजूराम ने बताया कि जिस दिन अभिषेक से बात हुई तो कहा है कि मंगलवार या बुधवार को भारत पहुंच जाऊंगा। बता दें कि अभिषेक यूक्रेन के स्डेनिपर के डेनिप्रोपोत्रोस्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे है।