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बीजेपी नेता सुरेश गंगवार का बड़ा बयान..कोविड के दौरान फेल हुआ सरकारी तंत्र..आम आदमी उम्मीद करे भी तो किससे?

Summary

रुद्रपुर कोरोना के संक्रमण ने पूरे देश की हालत खराब कर दी है । अस्पतालों में लम्बी लाइन हो जीवन रक्षक दवाइयों के लिए जूझता इंसान या लाकडाउन के बाद रोटी के लिए परेशान कामगार ..हर तरफ कोरोना महामारी में […]

रुद्रपुर

कोरोना के संक्रमण ने पूरे देश की हालत खराब कर दी है । अस्पतालों में लम्बी लाइन हो जीवन रक्षक दवाइयों के लिए जूझता इंसान या लाकडाउन के बाद रोटी के लिए परेशान कामगार ..हर तरफ कोरोना महामारी में लचर सिस्टम की हवाई व्यवस्था भी दिख रही है । गरीब हो या अमीर, रसूखदार हो या आम आदमी, विपक्षी हों या सत्ताधारी ..साहब किसी की भी सुनवाई नहीं है । और ऐसे हालात में आम आदमी को सबसे ज्यादा उम्मीद उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि से होती है लेकिन अगर उसकी ही सुनवाई न हो तो पता चलता है कि कि वाकई सिस्टम में कुछ तो गडबडी है । जनपद ऊधमसिंह नगर में गंगवार परिवार के बारे में शायद ही कोई ऐसा हो जो इस परिवार को न जानता हो । जनपद ऊधमसिंह नगर में लगातार चौथी बार(अब तक लगभग 17 साल) जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर आसीन होकर इस परिवार प्रदेश में रिकॉर्ड बनाया है । तो ऐसे में आम जनमानस को इस परिवार से उम्मीदें भी उसी स्तर पर बढ जाती है । लेकिन अगर खुद जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार के पति श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य सुरेश गंगवार रोते हुए ये कहें कि उनकी बड़ी बहन की जिला अस्पताल में तड़प तड़प कर मृत्यु हो गई साथ ही गोठा गांव के उनके पारिवारिक समर्थक की आक्सीजन न मिलने से मौत हो गई और अधिकारियों से मदद् की गुहार लगाते रहे लेकिन जिलाधिकारी, एसएसपी,सीएमओ ने उनका फोन तक नहीं उठाया.. तब तो वाकई लगता है कि सिस्टम में खराबी है। दरअसल सुरेश गंगवार की बड़ी बहन जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थीं । वो कोविड से ग्रसित थीं साथ ही वो डायबिटीस की मरीज थी जिसकी वजह से उनको इन्सुलिन की आवश्यकता थी लेकिन समय पर इन्सुलिन न मिलने से उनकी बड़ी बहन का पूरा शरीर यूरीन से भीगा पड़ा रहा। बड़ी बहन की मृत्यु से ठीक एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में सुरेश गंगवार के बड़े साले भी समय पर रेमिडीसिवर इंजेक्शन न मिलने से चल बसे थे । सुरेश गंगवार ने मीडिया को बताया कि उनका पूरा परिवार कोविड से संक्रमित है इसलिए असहाय होकर इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के साथ जनपद के अन्य उच्चाधिकारियों को फोन किया लेकिन किसी ने उनका फोन तक नहीं उठाया और अंततः उनकी बड़ी बहन को गौतम हास्पिटल ले जाया गया जहां डाक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया । उन्होंने बताया कि कि क्षेत्र के लोग उनसे मदद् की उम्मीद करते हैं ।कहीं जीवन रक्षक दवाइयों के अभाव में , तो कहीं आक्सीजन के अभाव में हर दिन उनके अपने लोग दम तोड़ रहे हैं । लेकिन इस सिस्टम में इतनी खराबी आ गई है कि कोई सुनने वाला ही नहीं है । सुरेश गंगवार ने यह भी बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सिस्टम के नकारापन का यह पूरा मामला उन्होंने फोन पर बताया है । जिसमें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह भी इस सिस्टम की लापरवाही सुनकर अवाक रह गए । सुरेश गंगवार ने कहा कि समाजसेवा के लिए वो राजनीति के क्षेत्र में आए थे । उनकी माता सुशीला गंगवार ने दस साल, उनके पिता जी ने पांच साल जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में इस जनपद की सेवा की वर्तमान में उनकी पत्नी रेनू गंगवार जनपद में अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रही हैं । लेकिन पहली बार जनपद में इतनी प्रशासनिक अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है । सिस्टम की लापरवाही से लगातार अपनों की हो रही मृत्यु पर उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो अपने हजारों समर्थकों के साथ वो पार्टी से भी अलविदा कह देंगे और इस पर उन्हें कोई मलाल नहीं होगा । सुरेश गंगवार ने कहा कि कि वो जनता के चौकीदार हैं और चौकीदार ही अगर अपनों की हिफाज़त न कर पाया तो फिर क्या फायदा ?

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