राज्य के प्रतिष्ठित नारी सम्मान तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर छिड़ा सियासी संग्राम, कांग्रेस मीडिया प्रभारी जरिता ने इस बार के पुरस्कार वितरण को बताया वीरांगना का अपमान
Summary
देहरादून: राज्य के प्रतिष्ठित नारी सम्मान तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया सहित राज्य की 22 वीरांगनाओं को तीलू रौतेली राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया। लेकिन […]
देहरादून:
राज्य के प्रतिष्ठित नारी सम्मान तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया सहित राज्य की 22 वीरांगनाओं को तीलू रौतेली राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया। लेकिन तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता एवं उत्तराखण्ड मीडिया प्रभारी जरिता लैतफलांग ने धामी सरकार द्वारा महान क्रन्तिकारी वीरांगना तीलू रौतेली के नाम पर प्रचलित पुरस्कार वितरण में संघ के लोगों को प्राथमिकता दिये जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उत्तराखंड मीडिया प्रभारी जरिता ने इस बार के पुरस्कार वितरण को वीरांगना का अपमान बताया है।
कांग्रेस प्रवक्ता जरिता लैतफलांग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 2020-21 के लिए दिए गये राज्य स़्त्री शक्ति ‘तीलू रौतेली‘ पुरस्कारों का राजनीतिकरण व अवमूल्यन करने का प्रयास किया गया है। किशोरियों व महिलाओं की व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले उत्तराखंड राज्य के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का यदि इसी तरह भाजपाईकरण होता रहा तो वह समय दूर नहीं जब विपरीत परिस्थितियों में देश-दुनिया में अपनी उपलब्धियों का डंका बजाने वाली उत्तराखंड की बेटी वन्दना कटारिया इस पुरस्कार को ग्रहण करना अपना अपमान समझेंगी। उन्होंने कहा कि महान हस्तियों का अपमान करना भाजपा की नीयत बन चुकी है।
कांग्रेस ने कहा है कि शासनादेश के अनुसार यह पुरष्कार कुछ क्षेत्रों में विपरीत परिस्थितियों में विशिष्ठता हासिल करने वाली युवतियों/महिलाओं को दिए जाते थे। लेकिन इस साल के पुरस्कार प्राप्त करने वालों की सूची देखने पर पता चलता है कि इन नियमों और कार्यों के बजाय पुरस्कार वितरण में भाजपा की सदस्यता सूची को प्राथमिकता दी गयी है।
इसी परिपेक्ष्य में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में महिला कांग्रेस की एक पत्रकार वार्ता का भी आयोजन किया गया जिसमें महिला कांग्रेस ने तीलू रौतेली पुरस्कार वितरण पर सवाल खड़े किये।
महिला कांग्रेस ने कहा कि जहां पुरस्कारों में सम्मलित वन्दना कटारिया इस पुरस्कार का मान बढ़ा रही हैं, उनके नाम और उनकी उपलब्धियों को किसी प्रमाणन की जरूरत नहीं रहती। लेकिन उनके बराबर इस साल का तीलू रौतेली पुरस्कार पाने वाली दर्जन भर युवतियां/महिलाएं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ती /पदाधिकारी हैं। यदि भाजपा सरकार में थोड़ी भी शर्म बची है तो इस पुरस्कार की भावना के अनुसार पुरस्कार पाने वाली अपनी महिला नेताओं के ‘लंबे संघर्षों और विडम्बनाओं से जूझकर उनके द्वारा प्राप्त सफलताओं ‘ को प्रदेश की जनता के सामने लाकर सिद्ध करें।
पुरस्कार की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक जनपद से एक पुरस्कार दिया जाना था। इस साल सरकार ने 15 पुरस्कार 5 जनपदों की अपनी पार्टी की कार्यकर्ताओं को बांट दिए जबकि रूद्रप्रयाग जनपद से किसी भी महिला को पुरूस्कार नहीं दिया। जबकि रूद्रप्रयाग वह जनपद है जिसमें प्रतिवर्ष दैवीय आपदा की घटनाएं होती रहती हैं और दर्जनों महिलाओं ने पुरस्कार के नियमों के तहत आने वाले महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि किसी पुरस्कार विजेता से कम नहीं है। संभवत या इनमें से कोई भाजपा कार्यकर्ता न हो इसलिए रूद्रप्रयाग जिले को ही पुरस्कार से दूर रखा गया है।
पुरस्कार वितरण में सरकार ने पात्र अभ्यर्थियों को पुरस्कार न देकर अपनी पार्टी की कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत कर तीलू रौंतेली पुरस्कार की गरिमा को समाप्त करने का काम किया है। प्रत्येक जनपद में उन महिलाओं को पुरस्कृत किया गया है जो भाजपा से सीधे-सीधे या किसी न किसी रूप में जुड़ी हैं। भाजपा सरकार ने इस पुरस्कार का राजनीतिकरण कर ‘अंधा बांटे रेवड़ी अपनों अपनों को देय‘ मुहावरे को चरितार्थ करने का काम किया है।
कांग्रेस पार्टी का भरोसा था कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा साफ-साफ बेशर्मी के साथ किये गये भाजपाईकरण को मुख्यमंत्री धामी समर्थन नहीं देंगे परन्तु मुख्यमंत्री द्वारा अपने ही हाथों से अपने कार्यकर्ताओं को राज्य स्तरीय शक्ति ‘तीलू रौंतेली‘ पुरस्कार देना यह सिद्ध करता है कि देश भर में भाजपा ने लोकतांत्रिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, खेल,कला,और संस्कृति के केन्द्रों के बाद अब पुरस्कारों का भी भाजपाईकरण कर दिया है। कांग्रेस, भाजपा सरकार की इस मनोवृत्ति का हर स्तर पर विरोध करती है। आज कांग्रेस पार्टी की महिला संगठन राज्य के हर जिले में प्रैसवार्ता कर इन भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं की उपलब्धियों को उनके जिले में ही चुनौती देंगी और सरकार के पुरस्कारों के राजनीतिकरण का सच जनता के सामने लाएंगी। आने वाले समय में पुरस्कारों की गरिमा पुन: स्थापित करेगी।
पत्रकार वार्ता में महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, उपाध्यक्ष नजमा खान, विमला मन्हास, प्रवक्ता चन्द्रकला नेगी, अमृता कौशल, रीता रानी, जया गोलनी, अनुराधा तिवारी आदि उपस्थित थे।