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RUDRAPUR UTTRAKHAND

तो अब अपने वायदे के मुताबिक विधायक राजकुमार ठुकराल लड़ सकेंगे विधानसभा चुनाव,खबर है कि नजूल नीति पर विधायक ठुकराल का संघर्ष लाया रंग

Summary

रूद्रपुर दशकों से नजूल भूमि पर निवास कर रहे हजारों परिवारों को उनके कब्जे की भूमि पर मालिकाना दिलाने के लिए विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा पिछले दस वर्षों से की जा रही मेहनत आखिरकार रंग लायी है। नजूल नीति को […]

रूद्रपुर

दशकों से नजूल भूमि पर निवास कर रहे हजारों परिवारों को उनके कब्जे की भूमि पर मालिकाना दिलाने के लिए विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा पिछले दस वर्षों से की जा रही मेहनत आखिरकार रंग लायी है। नजूल नीति को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद हजारों परिवारों को मालिकाना हक मिलने का मार्ग आज प्रशस्त हो गया है। जल्द ही नजूल नीति को लेकर सरकार अध्यादेश जारी कर देगी। नजूल नीति पर मालिकाना हक का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पारित होने से रूद्रपुर के हजारों लोगों में खुशी की लहर है। वहीं विधायक राजकुमार ठुकराल का संकल्प पूरा होने पर उन्होंने देहरादून में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों का आभार व्यक्त किया।

सोशल मीडिया पर छाए विधायक ठुकराल


बता दें नजूल भूमि के रूद्रपुर की जनता पिछले चालीस वर्षों से आस लगाये हुए थी। जिला मुख्यालय रूद्रपुर सहित कई स्थानों पर हजारों परिवार पिछले चालीस वर्षों से नजूल भूमि पर स्थाई रूप से निवास कर रहे हैं। पूर्व में सरकार द्वारा बनायी गयी नजूल नीति को हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था और नजूल भूमि को खाली कराने के आदेश सरकार को जारी किये थे। जिसके बाद हजारों परिवारों पर उजाड़े जाने का संकट खड़ा हो गया था। विधायक ठुकराल के प्रयासों से मामले में प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जिसके बाद उजाड़े जाने का आदेश खारिज होने से नजूल भूमि पर बसे लोागों को कुछ राहत जरूर मिली लेकिन नजूल भूमि पर मालिकाना हक की आश फिर अधूरी रह गयी। सरकार द्वारा तीन चार बार नजूल भूमि पर मालिकाना हक देने सम्बंधी घोषणायें भी की जा चुकी थी। लेकिन मामला लगातार लटकता जा रहा था लेकिन विधायक ठुकराल ने हिम्मत नहीं हारी और वह पिछले दस वर्षों से लगातार नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए संघर्ष करते रहे। विधायक राजकुमार ठुकराल पिछले दस वर्षों में कई बार इस मुद्दे को वह विधानसभा पटल पर उठाया था। सौ से अधिक बार उन्होंने मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, सांसद, केंद्रीय मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन भी दिये। साथ ही नजूल भूमि के मसले का समाधान नहीं होने पर विधायक ठुकराल ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान भी किया था। मामले को लेकर कई बार विधायक ठुकराल ने सुप्रीम कोर्ट के चक्कर भी लगाये वहां पर उन्होंने प्रदेश सरकार के अधिवक्ताओं से मजबूती के साथ पैरवी का आग्रह किया था।

सात सितम्बर को विधायक ठुकराल ने एक बार पुनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मसले पर लम्बी वार्ता की और इस मामले पर सीएम से कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर अध्यादेश लाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चूंकि खुद इस मसले से अच्छी तरह वाकिफ थे और उन्हें भी यह बात अच्छी तरह पता थी कि अगर यह मसला हल नहीं हुआ तो पार्टी को इसकी कीमत आगामी चुनाव में भुगतनी पड़ सकती है। जिसे देखते हुए आखिरकार मुख्यमंत्री ने विधायक ठुकराल के आग्रह पर नजूल के मामले पर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के आदेश दिये। जिसके फलस्वरूप आज कैबिनेट की बैठक में नजूल भूमि पर मालिकाना हक को लेकर प्रस्ताव पारित होने के साथ हजारों पीरवारों को नजूल भूमि पर मालिकाना हक का मार्ग प्रशस्त हो गया। नजूल भूमि पर मालिकाना हक का प्रस्ताव पारित होने से आज रूद्रपुर के हजारों लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। वर्षों पुरानी मांग पूरी होने पर आज विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी राहत की सांस ली। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद संकल्प पूरा होने पर विधायक ठुकराल की आंखें नम हो गयी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कैबिनेट के सभी मंत्री गणों सहित प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का आभार व्यक्त किया । इस दौरान विधायक ठुकराल ने कहा कि रूद्रपुर के 18000 परिवारों को उनके घर का मालिकाना हक का सपना पूरा होने से उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना साकार हो गया है। विधायक ठुकराल ने कहा कि उनकी प्रतिज्ञा आज पूरी हुयी है इसमें सबसे बड़ा योगदान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का है। उन्होंने कह कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी पीड़ा को समझने के साथ ही रूद्रपुर की जनभावनाओं का सम्मान किया है। रूद्रपुर की जनता उनकी इस सौगात को कभी नहीं भूलेगी। विधायक ठुकराल ने कहा कि रूद्रपुर की जनता को उनका हक दिलाने के लिए वह आगे भी तत्पर रहेंगे।

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