उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्र मांडो और कंकराड़ी की पगडंडियों पर चलकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया प्रभावित क्षेत्र का जायजा…
Summary
उत्तरकाशी भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव मांडो और कंकराड़ी पहुंचे। जहां उन्हें गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। यहां से […]
उत्तरकाशी
भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव मांडो और कंकराड़ी पहुंचे। जहां उन्हें गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। यहां से मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित मांडो और ककरानी गांव पहुंचे। आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान वह आपदा में मृतक लोगों के परिजनों से भी मिले ओर उन्हें हर सम्भव मदद का भरोसा दिया। बता दें कि विगत दिनों यहां बादल फटने की घटना हुई थी।
हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बुधवार को गोपेश्वर के दौरे पर जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण यह दौरा रद्द कर दिया गया। बुधवार को मुख्यमंत्री ने मांडो में आपदा पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने मांडो गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री धामी ने ग्रामीणों की मांग पर डीएम को मांडो गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री के साथ जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे।
इस दौरान मुख्यमंत्री के सामने एक महिला बेहद भावुक हो गई और मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बताई। वहीं दूसरी ओर गुस्साए लोगों ने भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। लोगों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भाजपा कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों की समस्याएं नहीं सुनीं।
मांडो गांव के बाद मुख्यमंत्री कंकराड़ी गांव पहुंचे। जहां उन्होंने आपदा में मृतक सुमन के परिजनों से मुलाकात की ओर परिवार को सांत्वना देकर उनके परिवार से किसी एक को सरकारी नौकरी देने का अश्वासन दिया।

उत्तरकाशी जिले के कंकराड़ी में लापता युवक का शव बुधवार को घटना के चार दिन बाद बरामद कर लिया गया है। रविवार रात को बादल फटने से कंकराड़ी के गदेरे (बरसाती नाला) में उफान आ गया था। सुमन गदेरे में बह गया था। तभी से लापता की तलाश जारी थी। लापता हुए युवक की तलाश में जुटी एनडीआरएफ की टीम को बुधवार की सुबह साडा के निकट मानव शरीर के कुछ अवशेष मिले थे।
तहसील स्तर की समस्या का समाधान तहसील में और जिला स्तर की समस्या का समाधान जिलों में हो। यदि जिला स्तर की शिकायत शासन में आएगी तो संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी इसके लिए जवाबदेह होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलों और जिलों में कोई पेंडेंसी नहीं होनी चाहिए। जीरो पेंडेसी सरकार का मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों मानसून से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। कहा कि किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हों। रेस्पोंस टाइम को कम से कम किया जाए। कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो। किसी तरह का कम्यूनिकेशन गैप न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है। समय समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए। आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे। अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितों को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाइयों की उपलब्धता हो। संचार की सुचारु व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उनमें प्रक्रियाओं में किसी तरह का विलंब न हो। रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जिओलॉजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरों का उपयोग करें ताकि आम लोगों तक राहत जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली।
