जानिए…धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने सरल स्वभाव के सौरभ बहुगुणा की पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि
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दादा- पिता की राजनीतिक विरासत संभालेंगे सौरभ बहुगुणा 43 साल के सौरभ बहुगुणा के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे। यही कारण है कि 1973 में जब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाया गया तो कांग्रेस ने […]
दादा- पिता की राजनीतिक विरासत संभालेंगे सौरभ बहुगुणा
43 साल के सौरभ बहुगुणा के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे। यही कारण है कि 1973 में जब उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाया गया तो कांग्रेस ने उन्हें नया मुख्यमंत्री बना दिया। हेमवती दो साल 21 दिन तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। तब उत्तराखंड भी यूपी का ही हिस्सा हुआ करता था। यही नहीं, हेमवती नंदन बहुगुणा को चौधरी चरण सिंह की सरकार में वित्त मंत्री भी बनाया गया था। हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म भी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था।
हेमवती नंदन बहुगुणा के दो बच्चे हुए। विजय बहुगुणा और रीता बहुगुणा। दोनों ने कांग्रेस से ही राजनीति की शुरुआत की और बाद में भाजपा का दामन थाम लिया। रीता जोशी की शादी प्रयागराज में हुई और वह यूपी की राजनीति में सक्रिय हो गईं, वहीं विजय बहुगुणा उत्तराखंड में पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते रहे। विजय बहुगुणा मार्च 2012 से जनवरी 2014 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। बाद में रीता जोशी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। इसके कुछ दिनों बाद ही विजय बहुगुणा भी भाजपा में आ गए। विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा ने 2017 में पहली बार सितारगंज से चुनाव जीता। इस बार भी वह वह सितारगंज से विधायक चुने गए हैं। पहली बार उन्हें धामी सरकार में मंत्री पद मिला है। सौरव बहुगुणा बेहद सरल स्वभाव के नेता के तौर पर देखे जाते रहे हैं। धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिलने के बाद सितारगंज विधानसभा क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह है।

