बड़ी खबर..उत्तराखंड में पशुओं को लम्पी वायरस से बचाने के लिए 49820 पशुओं का हुआ टीकाकरण, राज्य में अब तक 6506 पशु इस वायरस से ग्रसित, जिसमें 2456 पशु हुए पूर्ण स्वस्थ
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उत्तराखंड सरकार में पशुपालन, डेयरी विभाग श्रम एवं कौशल विकास एवं गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा की आध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार, विश्वकर्मा भवन सचिवालय में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के पशुओं में फैल रही लम्पी […]
उत्तराखंड सरकार में पशुपालन, डेयरी विभाग श्रम एवं कौशल विकास एवं गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा की आध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार, विश्वकर्मा भवन सचिवालय में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में अन्य जनपदों के अधिकारियों ने ऑनलाईन प्रतिभाग किया।
जिसमें विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि अब तक राज्य में 6506 पशु लम्पी रोग से ग्रस्त हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। जिसमें 2456 पशु अब तक पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं और 119 पशुओं की मृत्यु हुई है।
विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि पशुओं में स्वस्थ होने की दर 40 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 1.8 प्रतिशत है। विभाग द्वारा पशुओं में रोग की रोकथाम हेतु 1.8 लाख खुराक वैक्सीन खरीद कर विभिन्न जनपदों को टीकाकरण हेतु उपलब्ध करा दी गई है। अब तक 49820 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। जिस पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा असन्तोष व्यक्त करते हुए टीकाकरण में गति लाने हेतु अतिरिक्त टीम का गठन कर टीकाकरण कराये जाने का निर्देश दिया गया । रोग की रोकथाम हेतु जनपद हरिद्वार में अपर निदेशक, गढ़वाल मण्डल पौड़ी व देहरादून में संयुक्त निदेशक, रोग नियन्त्रण की देखरेख में कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये, साथ ही कुमायूँ मण्डल में रोग से बचाव हेतु उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे गाँवों व नेनीताल के रामनगर क्षेत्र में भी टीकाकरण कराये जाने के निर्देश दिये गये। जनपद देहरादून व हरिद्वार में सेनिटाइजेशन व कीट नियन्त्रण के सम्बन्ध में दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ कैबिनेट मंत्री द्वारा वार्ता की गई। हरिद्वार य देहरादून में वेक्टर नियन्त्रण हेतु तीन विभागीय उच्चाधिकारियों की समिति गठित करने के निर्देश दिये गये। उक्त बैठक में राज्य में भूसे की कमी के सम्बन्ध में भी चर्चा की गई ।
जिसमे रबी के मौसम छतु यू०एल०डी०बी० के माध्यम से चारा मिनिकिट्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। भूसे की कमी को देखते हुए अनुदान पर भूसा भेली उपलब्ध कराने हेतु कविनेट नोट बनाने के निर्देश दिये गये। किसान – केडिट कार्ड के सम्बन्ध में सचिव, पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के पशुपालकों हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने के सम्बन्ध समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये है, परन्तु अभी तक प्रगति सन्तोषजनक नहीं है।
जिस पर कैबिनेट मंत्री द्वारा सम्बन्धित मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को जनपदो के लीड बैंक मैनेजर से सम्पर्क कर लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गये है।
बैठक में सचिव पशुपालन डा0 वी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम निर्देशक पशुपालन, डा० प्रस कुमार, संयुक्त निदेशक डेयरी विभाग जयदीप अरोडा, संयुक्त निदेशक, रोग नियन्त्रण, डा० देवेन्द्र शर्मा आदि उपस्थित रहे ।