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DEHRADUN UTTRAKHAND

सीएम धामी के आदेशों की नौकरशाही कर रही नाफरमानी : डेडलाइन खत्म हो गई पर कई विभागों के सचिवों व विभागाध्यक्षों ने शासन के तय समय में प्रमोशन के आदेशों को दिखाया ठेंगा, जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन की मांग ऐसे अफसरों को मुख़्यमंत्री सिखाएं सबक

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते थे कि प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति के समस्त रिक्त पदों को 15 अगस्त, 2021 तक हर हाल में भर लिये जाए। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपेक्षाओं के क्रम में अपर […]

देहरादून:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते थे कि प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति के समस्त रिक्त पदों को 15 अगस्त, 2021 तक हर हाल में भर लिये जाए। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपेक्षाओं के क्रम में अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री द्वारा जारी स्पष्ट आदेशों को भी कई विभागों के सचिवों और विभागाध्यक्षों ने ठेंगा दिखा दिया है। अब विभागीय पदोन्नति से कामिर्कों को अनावश्यक रूप से वंचित रखे जाने पर उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएशन द्वारा कड़ा एतराज जताया गया है।

एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष दीपक जोशी एवं वीरेन्द्र सिंह गुसांई ने मुख्यमंत्री धामी के आदेशों का निर्धारित समय पर कई विभागों के अधिकारियों द्वारा अनुपालन न करने को आदेशों की अवहेलना माना है। एसोसिएशन ने सवालिया निशान लगाया गया है कि ऐसे सक्षम अधिकारियों के विरूद्ध मुख्यमंत्री पुषकर सिंह धामी कोई न कोई जबावदेही तय करेंगे या नियत समयावधि में पदोन्नति के सभी पदों का भरे जाने का आदेश सिर्फ दिखावा भर था?

एसोसिएशन ने कहा है कि कई विभागों में लम्बे समय से पदोन्नति के कई पद रिक्त हैं और पात्र कार्मिक भी उपलब्ध हैं, परन्तु उच्च सीटों पर बैठे सक्षम अधिकारियों की मनमानी एवं हठधर्मिता के कारण अनावश्यक रूप से कार्मिक पदोन्नति से वंचित होकर बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे ऐसे अधिकारियों को कोई वास्ता नही है।

file photo

मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट आदेश एवं समयावधि नियत करने के उपरान्त भी महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायत, आयुष, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, आई0टी0आई0, राजस्व, उद्यान, कृषि, लेखा परीक्षा आदि कई विभागों में विभागीय सचिवों एवं विभागाध्यक्षों की मनमानी के कारण 15 अगस्त, 2021 तक की निर्धारित अवधि बीतने के बावजूद विभागीय पदोन्नतियाॅं लम्बित रखी गयी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि इस राज्य में अफसरशाही पूर्ण रूप से हावी है, ऐसे अधिकारियों को मुख्यमंत्री धामी के आदेशों की भी कोई परवाह नही है। ऐसे अधिकारी क्या अपनी पदोन्नति आदि में भी इतना ही विलम्ब सहन करते होंगे? इस बात का जबाव ऐसे अधिकारियों से मुख्यमंत्री धामी को लेना चाहिए।

एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि पदोन्नति के रिक्त पदों को भरे जाने हेतु निर्गत समयबद्ध आदेशों के अन्तर्गत क्यों इन अधिकारियों द्वारा अपने-अपने नियन्त्रणाधीन विभागों में पदोन्नतियाॅं नहीं की गयी हैं, इसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिये। साथ ही ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कायर्वाही अमल में लायी जानी चाहिए, जो मुख्यमंत्री के आदेशों की भी परवाह करने में विश्वास नही करते, ऐसे मनमाने अधिकारियों की वजह से ही कामिर्कों को इस प्रदेश में हड़ताल हेतु विवश होना पड़ता है।

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