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2 करोड़ की जमीन 10 मिनट में कैसे हुई 18.50 करोड़ की..आप नेता संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर उठाए सवाल..

Summary

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने […]

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई भूमि के मामले में 16.5 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने रविवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए पहले एक भूमि 2 करोड़ रुपये में एक अन्य व्यक्ति द्वारा खरीदी गई। केवल 10 मिनट बाद वही भूमि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 16 करोड़ रुपये की अधिक राशि देकर 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई। आप सांसद ने कहा कि यह राम भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है और प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देनी चाहिए। इस घोटाले के लिए उन्होंने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी चंपत राय को जिम्मेदार ठहराया। 

संजय सिंह ने खरीद-बिक्री के कुछ कथित दस्तावेजों को दिखाते हुए कहा कि रवि मोहन तिवारी और सुलतान अंसारी नाम के दो व्यक्तियों से भूमि की खरीदी की गई। रजिस्ट्री के दस्तावेजों के अनुसार इसके लिए उन्हें दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन उसी दिन केवल 10 मिनट बाद यही भूमि 16 करोड़ रुपये अधिक देकर उसी भूमि को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदा गया। इससे साफ जाहिर होता है कि भूमि खरीद में भारी अनियमितता बरती गई है। उन्होंने इसे रामभक्तों की भावनाओं से खिलवाड़ बताते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

संजय सिंह के अनुसार इस मामले में अयोध्या के मेयर भी गवाह बने हैं, इसलिए इस मामले में उनकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।

इसके पूर्व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने भी इस मामले को लखनऊ में मीडिया के सामने उठाया और इसके जांच की मांग की। पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने बताया कि यह भूमि सदर तहसील क्षेत्र के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह भूमि रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु व सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया।

आरोप है कि बैनामा व रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। उन्होंने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए धनराशि की जांच कराने की मांग की है। कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

वहीँ कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि आज जो आरोप विश्व हिंदू परिषद पर लग रहे हैं। उसमें 2 करोड़ की जमीन 5 मिनट में 18 करोड़ की हो जा रही है। क्या राम के नाम पर धन की लूट का काम तो नहीं हो रहा है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। सरकार इसकी उच्चस्तरीय जांच कराए अगर ये लूट हुई है तो उन लोगों को साधारण लोगो से ज्यादा कई गुना ज्यादा सजा मिलनी चाहिए।

भूमि खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कुछ भी कहने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि हम मामले की स्टडी करेंगे, इसके बाद ही कुछ कहेंगे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि हम पर आरोप लगते रहते हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप भी लगा था। चंपत राय ने कहा कि उनके ऊपर इसके पहले भी इसी तरह के आरोप लगते रहे हैं। वे इस तरह के आरोपों पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं समझते। 

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