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DEHRADUN UTTRAKHAND

धामी सरकार में मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारीलाल साहू उर्फ़ पप्पू गिरधारी के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी, डबल मर्डर केस पर मंत्री से लेकर सीएम धामी और बीजेपी ख़ामोश,विपक्ष हुआ बीजेपी और धामी सरकार पर हमलावर

Summary

देहरादून: चाल, चरित्र और चेहरे की वकालत करती सत्ताधारी बीजेपी के नए इम्तिहान का वक्त आ गया है।दरअसल बरेली की कोर्ट ने उत्तराखंड की धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारीलाल साहू उर्फ़ पप्पू गिरधारी के खिलाफ […]

देहरादून:

चाल, चरित्र और चेहरे की वकालत करती सत्ताधारी बीजेपी के नए इम्तिहान का वक्त आ गया है।दरअसल बरेली की कोर्ट ने उत्तराखंड की धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के पति गिरधारीलाल साहू उर्फ़ पप्पू गिरधारी के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने 31 साल पुराने जैन दंपत्ति डबल मर्डर के आरोपी मंत्री रेखा आर्य के पति पप्पू गिरधारी को व्यकितगत रूप से कोर्ट में हाज़िर होने का हुक्म दिया था। लेकिन वे हाज़िर नहीं हुए लेकिन डबल मर्डर के तीन अन्य सह-आरोपी हाज़िर हुए थे जिनको कोर्ट ने जेल भेज दिया। जेल जाने के डर से साहू कोर्ट में पेश नहीं हुए तो अदालत ने गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिए। मामला संगीन है लेकिन बीजेपी सन्नाटे में है और मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट सहयोगी के पति पर डबल मर्डर के संगीन आरोप के बावजूद न कुछ बोल रहे हैं न मंत्री से हालात की हकीकत जानकर एक्शन ले पा रहे हैं।


तीन दशक पुराना मामला यह है कि बरेली में 11 जून 1990 की रात्रि को सिविल लाइंस में रहने वाले नरेश जैन और पत्नी सुधा जैन की प्रॉपर्टी के झगड़े में डंडों और चाक़ू गोदकर हत्या कर दी गई थी। घर में घुसकर दी गई इस ख़ौफ़नाक घटना में जैन दंपत्ति की हत्या कर दी जाती है और उनकी दो बेटियां घायल हो जाती हैं।
डबल मर्डर केस में गिरधारी लाल और अन्य आरोपियों के खिलाफ 29 जुलाई को गैर-ज़मानती वारंट जारी किया था लेकिन वह कोर्ट में हाज़िर नहीं होता है। 5 अगस्त को सुनवाई के दौरान गिरधारी के वकील ने आरोपी की तबियत खराब होने का बहाना बनाया जिसे अदालत ने खारिज कर गैर ज़मानती वारंट को अगली डेट तक प्रभावी कर दिया। 20 अगस्त को अगली सुनवाई होनी है।
अब विपक्ष मुद्दा बना रहा है कि बरेली का डबल मर्डर आरोपी मंत्री रेखा आर्य का पति गिरधारी उत्तराखंड पॉवर कॉरिडोर में ठसक के साथ घूमता दिखता है लेकिन बरेली कोर्ट क्यों नहीं पहुंच पा रहा?
जाहिर है इस मामले में अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लंबे समय तक ख़ामोशी की चादर ओढ़े रहे तो विपक्ष और आक्रामक होकर चाल, चरित्र और चेहरे के दावे की हवा निकालने से नहीं चूकेगा।

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