देश के सभी वर्गों के लोगों के त्याग और बलिदान के फलस्वरूप मिली स्वतंत्रता,पर उसके बाद मिला विभाजन का दर्द..मोहन भागवत
Summary
नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 96 वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने नागपुर संघ मुख्यालय के मंच से देश को किया। देश को संबोधित करने से पहले उन्होंने विजयादशमी के दिन पारंपरिक शस्त्र पूजन […]
नागपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 96 वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने नागपुर संघ मुख्यालय के मंच से देश को किया। देश को संबोधित करने से पहले उन्होंने विजयादशमी के दिन पारंपरिक शस्त्र पूजन किया। और इसके उपरांत देश की अखंडता और एकता के लिए संबोधन किया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मुट्ठी भर नमक से गांधी जी ने सत्याग्रह शुरू किया था और उसके बाद देश के सभी वर्ग के लोगों के त्याग और बलिदान के फलस्वरुप हमें 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली। लेकिन स्वतंत्रता के साथ हमें विभाजन का दर्द भी मिला। उन्होंने कहा कि भाषा समाज को जोड़ने वाली होनी चाहिए। लोगों से सकारात्मक संवाद होना चाहिए। साथ ही आने वाली नई पीढ़ी को देश का इतिहास जानना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्सव मिलजुलकर मनाना चाहिए जिससे देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान छोटे बच्चों के पास भी मोबाइल पहुंच गया है लेकिन वह उसमें क्या देखते हैं इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। साथ ही उन्होंने युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से दूर रहने का भी संदेश दिया उन्हें उन्होंने कहा कि नशे पर नियंत्रण होना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राजनीतिक लोगों को भी संदेश देते हुए कहा कि राजनीतिक फायदे के चलते सरकारों में विरोध होता है । सत्ता में बैठे लोग छल कपट की चालें चलते हैं , समाज की खाई चौडी करने का काम करते हैं, असंतोष पैदा करने की कोशिश होती है और हिंदू समाज को तोड़ने की साजिश चल रही है । उन्होंने कहा कि हलांकि इन सबके बावजूद भी भारत विकास की राह पर चल पड़ा है ।