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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन की समीक्षा की…जिलाधिकारियों को 24 घंटे एलर्ट मोड में रहने के दिए निर्देश..

Summary

रूद्रपुर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए 24 घंटा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये। उन्होने कहा […]

रूद्रपुर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए 24 घंटा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि किसी भी घटना की स्थिति में तत्काल राहत व बचाव कार्य प्रारम्भ किया जाये। उन्होने कहा कि किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न बरती जाये। जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन प्रशासन को उनकी चिंता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि आमजन को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक परेशान न होना पङे। उन्होने कहा कि तहसील स्तर की समस्याओं का समाधान तहसील स्तर पर और जिला स्तर की समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही किया जाए, किसी भी स्तर पर कोई शिकायत लम्बित न रहे। समस्याओं के निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार लाया जाए व जनहित के कामों में शिथिलता न बरती जाये। मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभाग आपस में समन्वय बना के कार्य करें। उन्होने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है। समय समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए। आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे। अवरूद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाईनों को जल्द से जल्द बहाल करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितो को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाईयों की उपलब्धता हो व संचार की सुचारू व्यवस्था हो।


मुख्यमंत्री ने पूर्व में आई आपदाओं में किये गये राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी लेते हुए कहा कि इनकी भी लगातार मानिटरिंग की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उसमें किसी प्रकार का विलम्ब न हो। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकतानुसार जिओलाजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरो का आवश्यकतानुसार उपयोग करें ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेन्सी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने अवगत कराया कि जनपद में मानसून के दृष्टगत आपदा से निपटने के लिये सभी आवश्यक तैयारिया पूरी कर ली गयी है व सम्बन्घित अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि वर्षाकाल के दौरान 24×7 के तर्ज पर कार्य करें। जनपद के सभी नगर निकायों द्वारा सेनेटाइजेशन पर फोकस किया जा रहा है। व कोविड-19 के साथ-साथ डेंगु की रोकथाम हेतु प्रचार-प्रसार करने एवं अपने क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने अथवा सेनेटाईजेशन करने का दायित्व संबन्धित अधिकारियों को दिये गये उन्होने बताया कि खेतलसांडा में कुछ परिवार प्रभावित हुए थे जिन्हे तत्काल रूप से राहत पहुंचाते हुए आंगनबाड़ी व स्कूलों में सिफ्ट कर दिया गया है..

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