बड़ी खबर…देर रात सीएम कार्यालय से प्रशासनिक अधिकारियों/पुलिस अधिकारियों को ट्विटर से मिला बड़ा निर्देश,4 मई तक सभी की सभी की छुट्टियाँ हुईं रद्द
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लखनऊ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं। इनके अनुसार धार्मिक कार्यों के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन इसकी आवाज़ से किसी को असुविधा न […]
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं। इनके अनुसार धार्मिक कार्यों के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन इसकी आवाज़ से किसी को असुविधा न हो और परिसर के बाहर आवाज़ न जाये। नए जगहों पर माइक नहीं लगें, शोभा यात्रा जुलूस बिना अनुमति के नहीं निकलेंगी। दिशा निर्देश में कहा गया है कि सौहार्द न बिगाड़ने के लिए शपथ पत्र देना होगा। इस बाबत 4 मई तक सारे अफसरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हालिया दिनों में विभिन्न धर्मों के कई पवित्र पर्वों का आयोजन हुआ। यह सुखद है कि पूरे प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा। उत्तर प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी का प्राथमिक दायित्व है। हमें अपने इस दायित्व के प्रति सदैव सतर्क-सावधान रहना होगा।
यूपी सरकार ने कहा कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व-त्योहार हैं। रमजान का महीना चल रहा है। ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है। ऐसे में वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं।
सर्कुलर जारी करते हुए योगी सरकार ने कहा कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों के दृष्टिगत सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों। यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो। तहसीलदार हो, एसडीएम हो थानाध्यक्ष हो अथवा सीओ आदि, सभी अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। शासकीय आवास है तो वहां रहें अथवा किराए का आवास लें, लेकिन रात्रि में अपने ही क्षेत्र में रहें। इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
समीक्षा बैठक में कहा गया कि अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। दिशा निर्देश में कहा गया है कि माइक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि माइक की आवाज़ उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति न दें।
कोई शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए। अनुमति देने से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए। अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। ड्रोन का उपयोग कर स्थिति पर नजर रखें। हर दिन शाम को पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे।
इतना ही नहीं दिशा निर्देश जारी करते हुए योगी सरकरा ने थानाध्यक्ष, सीओ और पुलिस कप्तान से लेकर जिलाधिकारी मंडलायुक्त तक सभी प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियों का 04 मई तक का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया। जो वर्तमान में अवकाश पर हैं, अगले 24 घंटे के भीतर तैनाती स्थल पर वापस लौटें। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस व्यवस्था का अनुपालन होना सुनिश्चित कराया जाए।