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बड़ी खबर ..खौफ से कराहते अफगानिस्तान के वर्तमान हालात का भारत पर पड़ेगा कितना असर,ऐसी विषम परिस्थितियों में भारतीयों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए विदेश मंत्रालय ने कसी कमर

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नई दिल्ली अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है और तालिबान के आतंकी अब काबुल तक पहुंच गए हैं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात का असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर पड़ने वाला है। भारत से अफगानिस्तान […]

नई दिल्ली


अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है और तालिबान के आतंकी अब काबुल तक पहुंच गए हैं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात का असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर पड़ने वाला है। भारत से अफगानिस्तान को मिलने वाली मदद की तारीफ करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने साथ में चेतावनी भी दी है कि अगर भारतीय सेना वहां जाती है तो यह ‘अच्छा नहीं होगा।’ ऐसे में यह जानना बेहद अहम हो जाता है कि तालिबान की मौजूदा स्थिति का भारत पर क्या असर होने वाला है क्योंकि भारत ने अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई सारे प्रोजेक्ट्स लगा रखे हैं।

अलग-अलग देशों के प्रोजेक्ट में भी काम करते हैं भारतीय

अफगानिस्तान में काम कर चुके पूर्व भारतीय राजदूत राकेश सूद का तालिबान मामले पर कहना है कि अफगानिस्तान में भारत ने अपने बड़े प्रोजेक्ट्स को करीब 5 साल पहले ही पूरा कर लिया है। अब कुछ छोटे-छोटे प्रोजेक्ट हैं जो अफगानिस्तान के हर प्रांत में हैं। ऐसा नहीं है कि भारतीय लोग सिर्फ भारतीय प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। तमाम ऐसे भारतीय हैं जो यूएन, अमेरिका और ब्रिटेन के प्रोजेक्ट में भी काम कर रहे हैं। हालांकि जब किसी दिक्कत की बात होती है तो किसी भी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे भारतीय इंडियन एंबेसी से ही संपर्क करते हैं और यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालें, भले ही वह यूएन, अमेरिका या ब्रिटेन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों। ऐसे में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह कहा गया है कि वो वहां फंसे सभी भारतीयों को निकाल लेंगे ।

90 दिनों के अंदर तालिबान के फुल कंट्रोल में होगा काबुल

अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने भी आशंका जाहिर की है कि तालिबान आने वाले 30 दिनों के भीतर काबुल शहर का संपर्क सबसे काट सकता है और फिर 90 दिनों के अंदर वह इस शहर का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले सकता है। एजेंसियों के मुताबिक, अगर अफगान सुरक्षाबल ज्यादा ताकत लगाएं तो तालिबान की रफ्तार को कम किया जा सकता है। दरअसल, तालिबान अमेरिका की उम्मीद से ज्यादा तेजी से अफगानिस्तान के शहरों पर कब्जा कर लिया है ।

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