बड़ी खबर…इस कारण से जज साहब हुए निलंबित, हाई कोर्ट प्रशासनिक समिति द्वारा लिया गया निर्णय
Summary
लखनऊ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश I (ADJ), सुल्तानपुर जिला न्यायालय मनोज शुक्ला को निलंबित कर दिया। मनोज शुक्ला तब सुर्खियों आए जब पिछले महिने बस्ती जिले में अपनी पैतृक भूमि बचाने के प्रयास में एक JCB/बुलडोजर के सामने […]
लखनऊ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश I (ADJ), सुल्तानपुर जिला न्यायालय मनोज शुक्ला को निलंबित कर दिया। मनोज शुक्ला तब सुर्खियों आए जब पिछले महिने बस्ती जिले में अपनी पैतृक भूमि बचाने के प्रयास में एक JCB/बुलडोजर के सामने लेट गए थे। इस जमीन से राज्य सरकार अतिक्रमण हटा रही थी।
एडीजे मनोज शुक्ला मूल रूप से बस्ती जिले के छपिया शुक्ला गांव के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में सुल्तानपुर जिले में एडीजे के रूप में कार्यरत हैं। पिछले महीने वह कोट, पैंट और टाई पहनकर जेसीबी के सामने लेट गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
इस घटना को लेकर बस्ती के जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट प्राप्त कर सरकार ने हाईकोर्ट को भेज दिया। उन्हें निलंबित करने का निर्णय हाईकोर्ट प्रशासनिक समिति द्वारा लिया गया। इस आशय का एक आदेश पहले ही सुल्तानपुर जिला न्यायालय को भेजा जा चुका है। हाईकोर्ट राज्य की वेबसाइट पर एडीजे शुक्ला के बारे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वह “वर्तमान में 03-04-2022 (मुख्यालय-सोनभद्र से संलग्न)” से निलंबित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एडीजे मनोज शुक्ला पूरी रात जिला प्रशासन की टीम के सामने बिना खाए-पिए लेटे रहे।
उन्होंने कथित तौर पर निम्नलिखित बयान दिया:
“मैं एक न्यायिक अधिकारी हूं। यह मेरी पुश्तैनी जमीन है जिस पर दूसरों का कब्जा है और यह गलत है। साल 2013 में जमीन का अधिग्रहण नियमों के खिलाफ था और जिलाधिकारी द्वारा दिया गया आदेश भ्रष्ट है।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने भी 25 मार्च को इस घटना को लेकर ट्वीट किया था।