बड़ी खबर..धामी सरकार ने 20 दरोगा किए सस्पेंड,हरीश रावत सरकार में हुई दरोगा भर्ती थी सवालों के घेरे में
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हरीश रावत सरकार में हुई दरोगा भर्ती शुरू से सवालों के घेरे में थी जिसके बाद जांच बिठाई गई और अब एक झटके में धामी सरकार ने 20 दरोगा सस्पेंड कर दिए हैं। उत्तराखंड में अरसे से चला आ रहा […]


हरीश रावत सरकार में हुई दरोगा भर्ती शुरू से सवालों के घेरे में थी जिसके बाद जांच बिठाई गई और अब एक झटके में धामी सरकार ने 20 दरोगा सस्पेंड कर दिए हैं। उत्तराखंड में अरसे से चला आ रहा भर्ती भ्रष्टाचार मेहनतकश और ईमानदार युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर लगातार डाका डालता आ रहा है.



फिर पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कांड हो या स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड या 2015 की चर्चित दरोगा सीधी भर्ती। पिछले साल जब UKSSSC के स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड उजागर हुआ था तभी 2015 में हुई दरोगा सीधी भर्ती का भ्रष्टाचार भी सामने आया था।

आज बात करते हैं 2015 में हरदा राज में हुई दरोगा भर्ती के भ्रष्टाचार की जिसके दागियों पर अब एक्शन होता नजर आने लगा है। 20 सब इंस्पेक्टर एक झटके में निलंबित कर घर बिठा दिए गए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिली है जिसमें 20 दरोगा का नाम सामने आया है। इसके बाद सभी को सस्पेंड किया गया है।
विजिलेंस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के आधार के बाद 2015 में हुई दरोगा सीधी भर्ती भ्रष्टाचार कांड में पुलिस मुख्यालय ने एक झटके में 20 सब इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है। ये सभी दागी दरोगा 2015 में इस भर्ती भ्रष्टाचार की जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे। इन सभी दागी दरोगा पर आरोप है कि उन्होंने नकल माफिया की मदद से भर्ती परीक्षा में कामयाबी की सीढ़ी चढ़ी।

बवाल मचा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्शन लेने के निर्देश दिए जिसके बाद शासन ने विजिलेंस जांच को कहा। दरोगा भर्ती भ्रष्टाचार की जांच विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी के हाथों में है। ज्ञात हो कि पिघले साल 8 अक्टूबर को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर में इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में कुल 12 आरोपी हैं।
दरोगा भर्ती परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई थी और विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों पर ही नकल माफिया से मिलकर “खेला” करने के आरोप लगे हैं।
