Top Stories:
DEHRADUN UTTRAKHAND

बड़ी खबर .. बिना काम के वाहवाही लूटने के लिए धामी सरकार को कोर्ट की फटकार,मुख्यमंत्री कार्यालय का दावा भी झूठा साबित हुआ

Summary

नैनीताल/देहरादून: सरकारें बिना कुछ किए ही मात्र घोषणा करके क्रेडिट लूटने के लिए कितना प्रचार और प्रोपेगंडा करती हैं, इसका ताजा मिसाल बनी है धामी सरकार। मामला है राज्य के मेडिकल कॉलेजों के M.B.B.S. इंटर्न डॉक्टर्स के स्टाईपेंड बढ़ाने का। […]

नैनीताल/देहरादून:

सरकारें बिना कुछ किए ही मात्र घोषणा करके क्रेडिट लूटने के लिए कितना प्रचार और प्रोपेगंडा करती हैं, इसका ताजा मिसाल बनी है धामी सरकार। मामला है राज्य के मेडिकल कॉलेजों के M.B.B.S. इंटर्न डॉक्टर्स के स्टाईपेंड बढ़ाने का। धामी सरकार ने हाईकोर्ट की फटकार के बाद सबसे कम स्टाईपेंड पा रहे राज्य के M.B.B.S. इंटर्न डॉक्टर्स का स्टाईपेंड हिमाचल प्रदेश के बराबर करने का फैसला किया।

ताज्जुब ये कि फैसले का ढिंढोरा जमकर पीट दिया गया। प्रचार और प्रोपगंडा ऐसा कि बाक़ायदा ग्राफ़ बनाकर दावा पेश किया गया कि पहले जहां 7500 रु/माह स्टाईपेंड मिलता था जो अब 17,000 रु / माह कर दिया गया है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने ट्विटर हेंडल से 18 जुलाई को ट्विट कर स्टाईपेंड बढ़ाने की मुनादी की।

यह तो रहा धामी सरकार का सच लेकिन अब देखिए 18 जुलाई के सरकार के इस ढोल पीटे सच का हाल हाईकोर्ट में 28 जुलाई को क्या रहता है! 7 जुलाई को स्टाईपेंड पर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा, 18 जुलाई को सीएम और सरकार ने ढोल पीटा। अब 28 जुलाई को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई हुई तो सरकार के झूठे दावे की हवा निकल गई। सरकार के दावे और ट्विट HC के सामने भी रखे गए।

धामी सरकार ने हाईकोर्ट में दिए अपने शपथपत्र के पृष्ठ संख्या 68 में कहा है कि स्टाईपेंड बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है। यानी बाहर सरकार खूब ढोल पीट रही लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट में क़बूल करती है कि जीओ जारी करने पर अभी विचार ही हो रहा है। यानी फ्रंटलाइन कोरोना कॉरिअर्स को साढ़े सात हजार से बढ़ाकर साढ़े सत्रह हजार स्टाईपेंड देने का मुख्यमंत्री धामी से ऐलान कराकर भी ब्यूरोक्रेसी जाने जीओ को लेकर किस नए गणित में उलझी है।

इतना ही नहीं हाईकोर्ट में बुधवार को यह सच भी सामने आया कि एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों को मौजूदा समय में जो मासिक स्टाईपेंड 7500 रु मिलता है वो भी समय पर नहीं मिलता है। उदाहरण के लिए जून महीने का स्टाईपेंड 27 जुलाई को दिया गया है।
अब हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि अगली सुनवाई यानी 18 अगस्त को सरकार MBBS इंटर्न डॉक्टरों के स्टाईपेंड पर ठोस फैसला लेकर कोर्ट को अवगत कराए।


ज्ञात हो कि 7 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अभिजय नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों का स्टाईपेंड बढ़ाने के निर्देश दिए थे। याचिका में कोर्ट के सामने रखा गया था कि राष्ट्रीय स्तर पर 24 हजार, हिमाचल प्रदेश में लगभग 17,500 और छत्तीसगढ़ में 17,900रु/मासिक स्टाईपेंड दिया जा रहा जबकि उत्तराखंड में महज 7500 रु दिया जा रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *